6 अगस्त 2025 को रायबरेली के सारस चौराहे पर स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमला हुआ। वह लखनऊ से फतेहपुर जाते समय रुके थे, जहां कार्यकर्ता उनका स्वागत कर रहे थे। तभी माला पहनाने की आड़ में एक युवक ने उन्हें थप्पड़ मार दिया। हमला होते ही समर्थकों ने हमलावर और उसके साथी को पकड़कर पीट दिया। पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया।
हमलावर ने खुद को करणी सेना से जुड़ा बताया और कहा कि मौर्य लगातार सनातन धर्म और भगवान राम का अपमान करते हैं, इसलिए उसने हमला किया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस घटना को साजिश बताते हुए योगी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था खत्म हो चुकी है और गुंडों के हौसले बुलंद हैं। मौर्य पहले भी ऐसे हमलों का शिकार हो चुके हैं — 2023 में लखनऊ में एक युवक ने उन पर जूता फेंका था।
यह हमला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है। आने वाले चुनावों से पहले इस घटना का राजनीतिक असर पड़ना तय माना जा रहा है।..
क्या है पूरा मामला?
रायबरेली के सारस चौराहे पर उस वक्त हड़कंप मच गया जब पूर्व कैबिनेट मंत्री और अपनी जनता पार्टी के अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य पर एक युवक ने थप्पड़ मार दिया। घटना उस समय हुई जब मौर्य का कार्यकर्ता स्वागत कर रहे थे।
माला पहनाने के दौरान एक युवक अचानक आया और उन पर हमला कर दिया।हमलावर ने खुद को करणी सेना का सदस्य बताया और कहा कि उसने ये हमला मौर्य के सनातन धर्म, भगवान राम और ब्राह्मणों के खिलाफ बयानों से नाराज़ होकर किया।
इस हमले से गुस्साए समर्थकों ने हमलावर और उसके साथी को पकड़कर जमकर पीटा और बाद में पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच चल रही है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने घटना को योगी सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल बताते हुए कहा कि प्रदेश में “जंगलराज” फैला हुआ है और अपराधियों के हौसले बुलंद हैं।यह पहला मौका नहीं है, इससे पहले भी मौर्य पर लखनऊ में जूता फेंककर हमला किया गया था।
पुलिस की कार्रवाई: FIR, पूछताछ और गिरफ्तारी
स्वामी प्रसाद मौर्य पर थप्पड़ मारने वाले दो युवकों को तुरंत पुलिस ने पकड़ लिया। इनका नाम रोहित द्विवेदी और शिवम यादव है। पुलिस दोनों से पूछताछ कर रही है। पूछताछ में रोहित ने बताया कि वह करणी सेना से जुड़ा है और मौर्य के सनातन धर्म पर दिए बयानों से नाराज़ था।
इसलिए उसने हमला किया।पुलिस ने हमले और गड़बड़ी फैलाने के मामले में FIR दर्ज की है। अब इन दोनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई चल रही है।इसके अलावा, पुलिस वीडियो और चश्मदीदों के बयान भी जुटा रही है, ताकि सबूत मिल सकें और कोर्ट में मजबूत केस बन सके।
स्वामी प्रसाद मौर्य का तीखा बयान: योगी सरकार पर निशाना
हमले के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अब कानून-व्यवस्था का हाल बहुत खराब हो गया है। गुंडे और माफिया खुलेआम लोगों पर हमला कर रहे हैं
और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। उन्होंने कहा कि दिनदहाड़े चौराहे पर हमला होना दर्शाता है कि अपराधियों के हौसले कितने बुलंद हैं। मौर्य ने साफ तौर पर कहा कि यह सिर्फ एक हमला नहीं, बल्कि यह बताता है कि प्रदेश में अब अपराधियों को किसी का डर नहीं है, यहां तक कि पुलिस का भी नहीं।
स्वामी प्रसाद ने आरोप लगाया कि योगी सरकार ने कुछ खास जातियों को अपराध करने की खुली छूट दे दी है। उन्होंने कहा कि एक विशेष वर्ग के लोग कानून को अपने हाथ में ले रहे हैं
और पुलिस भी उन्हें बचा रही है।उन्होंने यह भी कहा कि अगर पुलिस की मौजूदगी में ही इस तरह के हमले हो रहे हैं, तो आम जनता कितनी असुरक्षित महसूस करती होगी। उन्होंने राज्य सरकार से सवाल किया कि आखिर कब तक जनता इसी तरह डर के साए में जीती रहेगी।
स्वामी प्रसाद मौर्य का यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है और राजनीतिक गलियारों में बहस छिड़ गई है। विपक्षी पार्टियों ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है।उनके इस तीखे बयान से साफ है कि यह घटना अब केवल एक हमला नहीं, बल्कि एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन चुकी है।
पहले भी हो चुके हैं हमले: स्वामी मौर्य का विवादित इतिहास
स्वामी प्रसाद मौर्य उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक जाना-पहचाना और विवादित चेहरा हैं। वह कई बार अपने बयानों और गतिविधियों को लेकर चर्चा में रहे हैं। हाल ही में रायबरेली में उन पर हमला हुआ, लेकिन यह पहली बार नहीं है जब उनके साथ ऐसा हुआ हो। दो साल पहले लखनऊ में आयोजित पिछड़ा वर्ग महासम्मेलन में भी उन पर हमला हुआ था।
उस समय एक युवक वकील की ड्रेस पहनकर मौर्य के पास पहुंचा और उन पर जूता फेंक दिया। हालांकि, वह हमला उन्हें नहीं लगा, लेकिन उनके समर्थकों ने हमलावर को पकड़कर बुरी तरह पीटा था। बाद में पुलिस ने बीच-बचाव कर मामला शांत कराया।
स्वामी मौर्य के विवादित बयानों का लंबा इतिहास रहा है। उन्होंने सनातन धर्म, भगवान राम और ब्राह्मण समाज को लेकर कई बार तीखी टिप्पणियां की हैं, जिससे हिन्दू संगठनों और करणी सेना जैसे समूहों की नाराजगी सामने आई है। रायबरेली हमले में पकड़े गए युवक ने भी यही कारण बताया — उसने कहा कि मौर्य ने लगातार सनातन और भगवान राम का अपमान किया, इसलिए उसने थप्पड़ मारा।
स्वामी प्रसाद मौर्य की राजनीति हमेशा खुलकर बोलने और सवाल उठाने वाली रही है, लेकिन उनके शब्द कई बार सामाजिक तनाव को भी जन्म देते हैं। जहां उनके समर्थक उन्हें सामाजिक न्याय का योद्धा मानते हैं, वहीं विरोधी उन्हें कट्टर और भड़काऊ बयान देने वाला नेता बताते हैं।
बार-बार हमलों का शिकार होना दिखाता है कि मौर्य की राजनीति सिर्फ भाषणों तक सीमित नहीं है, बल्कि लोगों की भावनाओं को गहराई से प्रभावित करती है। ऐसे में यह सवाल उठना लाज़मी है कि क्या यह उनका साहस है या एक रणनीति?