पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा पर पाकिस्तानी वायुसेना का हमला, 30 नागरिकों की मौत

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Pakistan Air Force jets over Khyber Pakhtunkhwa

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक बड़ा हादसा सामने आया है। सोमवार तड़के पाकिस्तानी वायुसेना (Pakistan Air Force) ने तिराह घाटी में एयरस्ट्राइक की, जिसमें कम से कम 30 नागरिकों की मौत हो गई। मरने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। यह हमला उस समय हुआ जब गांव के लोग अपने घरों में सो रहे थे। अचानक हुए धमाकों से पूरा इलाका दहल उठा और कई घर पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गए।

सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी सेना का निशाना तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के ठिकाने थे। लेकिन बम घनी आबादी वाले इलाकों पर गिर गए, जिससे निर्दोष लोगों की जान चली गई। इस हमले में कई लोग घायल भी हुए हैं, जिन्हें नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। चश्मदीदों का कहना है कि बमबारी इतनी तेज थी कि सुबह होने तक गांव “तबाही का मंजर” बन गया था। घटनास्थल से मिली तस्वीरों और वीडियो में मलबे में दबे शव, तबाह मकान और रोते-बिलखते परिजन साफ देखे जा सकते हैं।

यह घटना कोई पहली बार नहीं है। खैबर पख्तूनख्वा में इससे पहले भी आतंकवाद-रोधी अभियानों और हवाई हमलों के दौरान आम नागरिकों की मौत की खबरें सामने आती रही हैं। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन लंबे समय से इन कार्रवाइयों पर सवाल उठाते रहे हैं। उनका कहना है कि इस तरह की बमबारी नागरिकों के जीवन के लिए गंभीर खतरा है और यह मानवाधिकार कानून का उल्लंघन है।

इस ताजा हमले के बाद स्थानीय जनजातीय समुदायों में गुस्सा फैल गया है। लोग इसे “निर्दोषों की हत्या” बता रहे हैं और विरोध प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं न सिर्फ आंतरिक असंतोष को बढ़ावा देंगी, बल्कि पाकिस्तान की राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता पर भी गहरा असर डालेंगी।

पाकिस्तानी एयरस्ट्राइक – खैबर पख्तूनख्वा में तबाही कैसे हुई?

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की तिराह घाटी सोमवार सुबह जोरदार धमाकों से हिल गई। पाकिस्तानी वायुसेना (Pakistan Air Force) ने अपने JF-17 फाइटर जेट्स से तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के ठिकानों पर हमला किया। रात करीब 2 बजे आठ LS-6 बम गिराए गए। लेकिन यह हमला आतंकियों के बजाय आम नागरिकों पर भारी पड़ा।

बम सीधे घनी आबादी वाले इलाके में गिरे। कई लोग सो रहे थे। धमाके इतने तेज थे कि कई घर पूरी तरह मलबे में बदल गए। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, पूरा गांव दहशत और भय में डूब गया। इस हमले में कम से कम 30 नागरिक मारे गए। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। कई लोग घायल हुए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया।

स्थानीय लोग अपने स्तर पर राहत कार्य कर रहे हैं। मलबे के नीचे दबे लोगों को बाहर निकालने की कोशिश जारी है। तस्वीरों और वीडियो में मलबे के बीच शव और टूटे हुए घर दिखाई दे रहे हैं। इस घटना ने पूरे इलाके में गम और आक्रोश फैला दिया है।

खैबर पख्तूनख्वा हमला: आम लोग, खासकर महिलाएं और बच्चे, हताहत :

तिराह घाटी में हुए एयरस्ट्राइक ने पूरे इलाके को दहला दिया। इस हमले में कम से कम 30 लोगों की मौत हुई, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। हमला उस समय हुआ जब लोग अपने घरों में सो रहे थे। तेज धमाकों की आवाज से पूरा गांव डर और भय में डूब गया। कई घर पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गए और लोग दब गए।

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि बम घनी आबादी वाले हिस्सों में गिरे। कई लोग घायल हुए और उन्हें पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया। मलबे के नीचे अभी भी लोगों के दबे होने की आशंका बनी हुई है। स्थानीय लोग अपने स्तर पर बचाव और राहत कार्य में जुटे हैं।

इस हमले ने इलाके में गम और आक्रोश फैलाया है। लोगों का कहना है कि आतंकियों पर हमला जरूरी था, लेकिन निर्दोष नागरिकों की मौत बेहद दुखद है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाएं न केवल मानव जीवन के लिए खतरा हैं, बल्कि स्थानीय समुदाय में असंतोष और गुस्सा भी बढ़ाती हैं।

तिराह घाटी एयरस्ट्राइक: ग्रामीणों ने क्या देखा?

तिराह घाटी के लोग उस रात की डरावनी घटना कभी नहीं भूल सकते। करीब 2 बजे अचानक जोरदार धमाके हुए। पूरे गांव में डर का माहौल बन गया। कई घर पूरी तरह टूट गए और लोग मलबे में दब गए। लोग चिल्ला रहे थे और अपने परिवार को बचाने की कोशिश कर रहे थे।

ग्रामीणों ने बताया कि बमबारी इतनी तेज थी कि कुछ जगहों पर आग भी लग गई। कई लोग बाहर भागे, लेकिन मलबे में दबे लोग अभी भी हैं। बच्चों और बुजुर्गों की चीखें सुनकर सभी डर गए। स्थानीय लोग अपने स्तर पर बचाव कार्य में लगे हुए हैं। घायल लोगों को पास के अस्पतालों में पहुंचाया जा रहा है।

कुछ लोगों ने देखा कि हवा में मलबे उड़ रहे थे और तेज रोशनी फैल रही थी। कई ग्रामीणों को समझ नहीं आया कि हमला आतंकियों पर है या आम लोगों पर। इस हादसे ने पूरे इलाके को स्तब्ध और गुस्सैल बना दिया। लोगों का कहना है कि उन्होंने पहले कभी इतनी भयावह स्थिति नहीं देखी और गम और आक्रोश का माहौल फैल गया है।

Airstrike in Tirah Valley by Pakistan Air Force

पाकिस्तानी सेना के तटीय इलाकों में टीटीपी के खिलाफ अभियान :

खैबर पख्तूनख्वा और उसके तटीय इलाकों में पाकिस्तान की सेना ने आतंकवादियों के खिलाफ अभियान शुरू किया है। इस अभियान का मुख्य मकसद तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के ठिकानों को निशाना बनाना और उनकी गतिविधियों को रोकना है। पिछले महीनों में इस क्षेत्र में कई आतंकवादी हमले हुए, जिनमें नागरिकों और सुरक्षा बलों को भी नुकसान पहुंचा।

सेना ने इलाके में एयरस्ट्राइक और स्थल पर अभियान दोनों किए। इस दौरान कई आतंकवादियों को मार गिराया गया और उनके ठिकानों को नष्ट किया गया। हालांकि, इस तरह की कार्रवाई में कभी-कभी निर्दोष नागरिक भी प्रभावित हो जाते हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि सेना की कार्रवाई से गांवों में डर और असुरक्षा का माहौल फैल गया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि टीटीपी जैसी संगठनें खैबर पख्तूनख्वा और आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय हैं और पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा हैं। इसलिए सरकार और सेना समय-समय पर अभियान चलाते रहते हैं। साथ ही, इस तरह के अभियानों में संतुलन बनाए रखना जरूरी है ताकि आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और इलाके में स्थिरता बनी रहे।

एयरस्ट्राइक के बाद तिराह घाटी में स्थानीय विरोध प्रदर्शन :

तिराह घाटी में हुए एयरस्ट्राइक के बाद लोग गुस्से में हैं। इस हमले में कई आम नागरिक मारे गए। मरने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। लोग नाराज होकर सड़कों पर उतर आए और विरोध प्रदर्शन करने लगे। उन्होंने सरकार और वायुसेना पर आरोप लगाया कि आतंकवाद के नाम पर निर्दोष लोगों की जान ली जा रही है।

स्थानीय जनजातीय बुजुर्गों ने जिरगा बुलाया। इसमें फैसला लिया गया कि पीड़ित महिलाओं को दफनाया जाएगा, जबकि पुरुषों और बच्चों के शव विरोध के रूप में मुख्य सरकारी कार्यालयों के बाहर रखे जाएंगे। खैबर चौक पर धरने शुरू हो गए और लोग अपना गुस्सा दिखा रहे हैं।

ग्रामीण और पश्तून कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर भी अपनी नाराजगी दिखा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के विरोध इलाके में अस्थिरता बढ़ा सकते हैं। यह साफ हो गया है कि किसी भी सैन्य कार्रवाई में आम लोगों की सुरक्षा सबसे जरूरी है।

तिराह घाटी एयरस्ट्राइक पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और मानवाधिकार की चिंता :

एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान में राजनीतिक दलों और मानवाधिकार संगठनों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। विपक्षी पार्टियों ने सरकार और वायुसेना पर आरोप लगाया कि आतंकवाद के नाम पर आम नागरिकों की जान खतरे में डाली जा रही है। उन्होंने इस घटना को गंभीर बताया और ग्रामीण इलाकों में नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।

मानवाधिकार संगठन भी चिंतित हैं। उनका कहना है कि इस तरह की कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून का उल्लंघन कर सकती है। उन्होंने अपील की है कि भविष्य में सैन्य अभियान इस तरह से चलाए जाएं कि आम लोगों को नुकसान न पहुंचे। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर नागरिक सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया गया, तो इलाके में अस्थिरता और गुस्सा और बढ़ सकता है।

सरकार की ओर से अभी तक इस घटना पर आधिकारिक बयान नहीं आया है। राजनीतिक नेताओं और मानवाधिकार समूहों की प्रतिक्रियाओं से स्पष्ट है कि एयरस्ट्राइक ने देश भर में चिंता और आक्रोश फैलाया है। यह घटना पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा और नागरिक सुरक्षा की नीतियों पर नए सवाल खड़े कर रही है।

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