Dehradun Cloudburst ने सोमवार देर रात सहस्त्रधारा और आसपास के क्षेत्रों में भारी तबाही मचाई। रात करीब साढ़े 11 बजे अचानक हुई तेज बारिश और बादल फटने जैसी स्थिति ने मुख्य बाजार को मलबे से भर दिया, जिससे दो से तीन बड़े होटल और कई दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं। बताया जा रहा है कि इस दौरान करीब 100 लोग मलबे और पानी के बीच फंस गए थे, जिन्हें स्थानीय लोगों ने हिम्मत दिखाते हुए SDRF और पुलिस की मदद से सुरक्षित बाहर निकाला। वहीं, मसूरी के झड़ीपानी इलाके में मजदूरों के आवास पर मलबा गिरने से एक मजदूर की मौके पर मौत हो गई और एक गंभीर रूप से घायल हो गया।
इस घटना से इलाके में दहशत फैल गई और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। दूसरी ओर, तमसा नदी के रौद्र रूप लेने से प्रसिद्ध टपकेश्वर मंदिर जलमग्न हो गया और शिवलिंग तक पानी में डूब गया। मंदिर परिसर को तुरंत खाली कराया गया और श्रद्धालुओं को अलर्ट कर दिया गया। आईटी पार्क क्षेत्र के पास भी अचानक भारी मात्रा में मलबा आने से सॉन्ग नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया। पुलिस और SDRF ने आसपास रहने वाले लोगों को सतर्क किया और नदी किनारे से दूर रहने की अपील की।
लोक निर्माण विभाग की टीम जेसीबी मशीनों से रास्ता साफ करने में जुटी हुई है ताकि राहत कार्य तेजी से चल सके। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देर रात एक्स (Twitter) पर पोस्ट कर घटना पर दुख जताया और कहा कि प्रशासन, SDRF और पुलिस मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य कर रहे हैं। उन्होंने खुद स्थिति की निगरानी करने का भरोसा दिलाया और प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों तक भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिससे प्रशासन ने लोगों को अलर्ट रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है।
Dehradun Cloudburst Update: सहस्त्रधारा में मलबे से भारी तबाही :
देहरादून में सोमवार देर रात बादल फटने जैसी घटना हुई, जिससे सहस्त्रधारा क्षेत्र में बड़ा नुकसान हुआ। रात करीब 11:30 बजे अचानक तेज़ बारिश और मलबे के कारण मुख्य बाजार में अफरा-तफरी मच गई। इस हादसे में दो से तीन बड़े होटल और सात से आठ दुकानें मलबे में दबकर क्षतिग्रस्त हो गईं। स्थानीय लोगों ने मिलकर करीब 100 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया, जिससे बड़ी जनहानि टल गई। हालांकि, एक से दो लोगों के लापता होने की आशंका जताई जा रही है।
राहत और बचाव कार्य के लिए SDRF और फायर सर्विस की टीमों को भेजा गया, लेकिन भारी मलबा जमा होने से रास्ता बंद हो गया। बाद में लोक निर्माण विभाग की जेसीबी ने रास्ता खोलने का काम शुरू किया। दूसरी ओर, तमसा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया और टपकेश्वर मंदिर का शिवलिंग पूरी तरह डूब गया। मंदिर परिसर को खाली करवा दिया गया है।
मसूरी के झड़ीपानी इलाके में भी मलबा आने से बड़ा हादसा हुआ, जहां एक मजदूर की मौत हो गई और दूसरा घायल हो गया। वहीं IT पार्क के पास भी भारी मलबा जमा हो गया, जिससे सॉन्ग नदी का जलस्तर बढ़ गया और आसपास के लोगों को सतर्क किया गया। प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है और लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
Tapkeshwar Temple Flood Update: तमसा नदी के उफान से शिवलिंग डूबा :
सोमवार देर रात हुई तेज बारिश और बादल फटने के कारण तमसा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया, जिससे टपकेश्वर मंदिर पूरी तरह जलमग्न हो गया। मंदिर परिसर में पानी भरने से शिवलिंग तक डूब गया और श्रद्धालुओं को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।
प्रशासन ने मंदिर को खाली कराया और आसपास रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी। राहत और बचाव कार्यों में पुलिस, SDRF और NDRF की टीमें लगातार लगी हुई हैं। इसी बीच, सहस्त्रधारा और आईटी पार्क के पास मलबा आने से सड़कों पर भारी तबाही हुई और कई होटल और दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं।
स्थानीय लोगों ने मिलकर 100 से अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। मसूरी के झड़ीपानी इलाके में भी मलबा गिरने से एक मजदूर की मौत हो गई और एक गंभीर रूप से घायल हो गया। राज्य सरकार और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति पर नजर रखते हुए प्रशासन को हर संभव मदद देने के निर्देश दिए हैं।
मौसम विभाग ने अगले 24–48 घंटों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे लोगों को नदी-नालों से दूर रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई है।
Mussoorie Rainfall Disaster: भारी मलबा, जनहानि और सड़कें क्षतिग्रस्त :
मसूरी के झड़ीपानी इलाके में हुई तेज बारिश और बादल फटने के कारण भारी मलबा गिर गया, जिससे इलाके में तबाही मच गई। मजदूरों के कच्चे आवास पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए और इस हादसे में एक मजदूर की मौत हो गई, जबकि एक गंभीर रूप से घायल हुआ। स्थानीय लोगों और पुलिस ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया और घायल को अस्पताल पहुंचाया।
मलबे और पानी के कारण सड़कें बंद हो गईं, जिससे यातायात पूरी तरह प्रभावित हुआ और आसपास के लोग दहशत में रहे। प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने और नदी-नालों से दूर रहने की चेतावनी दी। SDRF और NDRF की टीमें राहत और बचाव कार्य में लगातार लगी हुई हैं।
अधिकारियों ने मलबा हटाने और प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम तेज कर दिया है। मौसम विभाग ने अगले 24–48 घंटों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और मलबा गिरने का खतरा बना हुआ है।
नागरिकों से अपील की गई है कि वे सुरक्षित रहें और राहत कार्यों में सहयोग करें।
IT Park और Song River Alert: मलबे के कारण जलस्तर खतरनाक स्तर पर:
आईटी पार्क के पास अचानक भारी मलबा आने से सॉन्ग नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया। तेज बारिश और बादल फटने के कारण पानी का दबाव इतना बढ़ गया कि नदी किनारे रहने वाले लोग डर गए। प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया और सभी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी दी।
पुलिस और SDRF की टीमें लगातार नदी किनारे नजर रख रही हैं और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। मलबे और बढ़ते जलस्तर के कारण आसपास की सड़कें भी प्रभावित हुईं और यातायात बाधित हुआ। प्रशासन ने लोगों से नदी और नालों के पास न जाने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की।
लोक निर्माण विभाग की टीम ने रास्ता साफ करने और राहत कार्यों को आसान बनाने का काम शुरू कर दिया है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों तक भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिससे नदी का जलस्तर और बढ़ने की संभावना बनी हुई है। स्थानीय लोगों से बार-बार अपील की जा रही है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और सतर्क रहें।
Dehradun Flood Rescue: SDRF और NDRF का राहत कार्य जारी :
तेज बारिश और बादल फटने के कारण सहस्त्रधारा, मसूरी और IT पार्क क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ। इस दौरान SDRF और NDRF की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। मुख्य बाजार में मलबा और पानी जमा होने से कई होटल और दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं।
स्थानीय लोगों और रेस्क्यू टीमों ने मिलकर करीब 100 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर निकाला। मसूरी के झड़ीपानी इलाके में मलबा गिरने से एक मजदूर की मौत हुई और एक गंभीर रूप से घायल हुआ। वहीं, टपकेश्वर मंदिर में पानी का स्तर बढ़ने से शिवलिंग डूब गया और श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।
SDRF और NDRF की टीमें नदी किनारे और मलबे प्रभावित इलाकों में लगातार निगरानी कर रही हैं। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी दी है। लोक निर्माण विभाग और पुलिस ने रास्ते साफ करने और राहत कार्यों को तेज़ करने का काम शुरू किया है।
मौसम विभाग ने अगले 24–48 घंटों तक भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिससे राहत टीमों की सक्रियता और बढ़ गई है। सरकार और प्रशासन प्रभावित लोगों की मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
CM Dhami’s Response: राहत और बचाव कार्य की निगरानी जारी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बारिश और बादल फटने की घटनाओं के तुरंत बाद राहत और बचाव कार्य की निगरानी शुरू कर दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लोगों को सूचित किया कि जिला प्रशासन, पुलिस, SDRF और NDRF की टीमें प्रभावित इलाकों में लगातार काम कर रही हैं। सहस्त्रधारा, मसूरी और IT पार्क क्षेत्रों में मलबा और पानी के कारण कई होटल, दुकानें और आवास प्रभावित हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाएं और राहत कार्य जल्दी से जल्दी पूरा किया जाए। राहत शिविरों में भोजन, पानी और अन्य जरूरी सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है। लोगों से भी अपील की गई है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया और सभी के सुरक्षित रहने की प्रार्थना की।
मौसम विभाग ने अगले 24–48 घंटों तक भारी बारिश की चेतावनी दी है। इसके चलते प्रशासन और राहत टीमें लगातार स्थिति पर नजर रख रही हैं और जरूरत पड़ने पर तुरंत मदद के लिए तैयार हैं।
Weather Update Uttarakhand: अगले 24 घंटे में बारिश और बाढ़ की चेतावनी
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के लिए भारी बारिश और बाढ़ की चेतावनी जारी की है। तेज बारिश और बादल फटने के कारण सहस्त्रधारा, मसूरी और IT पार्क सहित कई क्षेत्रों में नदी और नालों का जलस्तर बढ़ा हुआ है। पानी के बढ़ते स्तर से भूस्खलन और मलबा गिरने का खतरा बना हुआ है। प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने और नदी किनारे या पहाड़ी इलाकों में यात्रा न करने की चेतावनी दी है।
SDRF और NDRF की टीमें प्रभावित इलाकों में लगातार निगरानी कर रही हैं और जरूरत पड़ने पर तुरंत बचाव कार्य शुरू करने के लिए तैयार हैं। प्रशासन ने राहत शिविरों में भोजन, पानी और अन्य जरूरी सुविधाओं की व्यवस्था की है ताकि प्रभावित लोग सुरक्षित रह सकें। मलबा और पानी के बढ़ते स्तर के कारण सड़कें प्रभावित हुई हैं, इसलिए स्थानीय लोगों से अपील की गई है कि वे सतर्क रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और मलबा गिरने की संभावना अधिक है। नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत मदद के लिए संपर्क करें।
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