RBI Monetary Policy 2025: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 1 अक्टूबर 2025 को अपनी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में नीतिगत दरों को जस की तस रखने का फैसला किया। इस निर्णय के अनुसार, रेपो रेट 5.50%, SDF रेट 5.25% और MSF रेट 5.75% पर बरकरार हैं। MPC ने नीति रुख को ‘Neutral’ बनाए रखा है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि RBI फिलहाल स्थिरता बनाए रखना चाहता है और अर्थव्यवस्था को संतुलित विकास के रास्ते पर रखना प्राथमिकता है।
इस फैसले से उपभोक्ताओं और व्यवसायों को राहत मिली है, क्योंकि इससे लोन महंगे नहीं होंगे और कर्ज की लागत में कोई अप्रत्याशित वृद्धि नहीं आएगी। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि हाल के महीनों में महंगाई का परिदृश्य काफी अनुकूल रहा है। FY26 के लिए मुद्रास्फीति (CPI) का अनुमान 3.1% से घटाकर 2.6% कर दिया गया है, जबकि FY27 की पहली तिमाही के लिए यह 4.9% से घटकर 4.5% हो गया है।
महंगाई में गिरावट मुख्य रूप से खाद्य कीमतों में कमी और GST में हालिया बदलाव के कारण हुई है। वहीं, GDP ग्रोथ के अनुमान में भी सुधार हुआ है। FY26 के लिए सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर 6.5% से बढ़ाकर 6.8% कर दी गई है, जो अर्थव्यवस्था की मजबूती और घरेलू मांग में सुधार का संकेत देती है। विशेषज्ञ इस नीति निर्णय को ‘Dovish Pause’ मान रहे हैं, जिसका मतलब है कि RBI भविष्य में जरूरत पड़ने पर सपोर्टिव कदम उठा सकता है।
स्थिर दरों, घटती महंगाई और बढ़ती GDP ग्रोथ के संकेतों ने निवेशकों और बाजारों में विश्वास बढ़ाया है। वहीं, विदेशी मुद्रा भंडार और मजबूत घरेलू मांग के आंकड़े भी आर्थिक स्थिरता के सकारात्मक संकेत दे रहे हैं, जिससे बैंकिंग सेक्टर और आम जनता दोनों के लिए स्पष्ट संदेश गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था संतुलित रूप से विकास कर रही है।
RBI MPC 2025 Highlights: ब्याज दरें, महंगाई और GDP का निर्णय :
RBI MPC 2025 Highlights: ब्याज दरें, महंगाई और GDP का निर्णय: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 1 अक्टूबर 2025 को अपनी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में रेपो रेट 5.50%, SDF 5.25% और MSF 5.75% पर बरकरार रखने का फैसला किया। MPC का रुख ‘Neutral’ रहा, जिससे अर्थव्यवस्था में स्थिरता बनाए रखने का संदेश गया। इसका मतलब है कि लोन महंगे नहीं होंगे और कर्ज की लागत में कोई अचानक बढ़ोतरी नहीं आएगी।
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि महंगाई घटकर FY26 में 2.6% और FY27 Q1 में 4.5% हो गई है। इसमें मुख्य कारण खाद्य कीमतों में कमी और GST में हालिया बदलाव हैं। GDP ग्रोथ का अनुमान FY26 में 6.8% तक बढ़ा है। स्थिर दरें, घटती महंगाई और बढ़ती GDP ग्रोथ निवेशकों और आम जनता के लिए अच्छे संकेत हैं। RBI का यह ‘Dovish Pause’ भविष्य में सपोर्टिव कदमों का भी संकेत देता है।
महंगाई अपडेट 2025: FY26 के लिए RBI का नया अनुमान :
महंगाई अपडेट 2025: FY26 के लिए RBI का नया अनुमान: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने FY26 के लिए महंगाई (CPI) के नए अनुमान जारी किए हैं। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि हाल के महीनों में महंगाई दर में काफी कमी आई है। FY26 के लिए CPI का अनुमान 3.1% से घटाकर 2.6% कर दिया गया है, जबकि FY27 की पहली तिमाही के लिए यह 4.5% है। महंगाई में गिरावट का मुख्य कारण खाद्य कीमतों में कमी और GST में हालिया कटौती है। इससे उपभोक्ताओं को रोजमर्रा की चीजों पर खर्च कम करने में राहत मिलेगी और आर्थिक स्थिरता बनी रहेगी।
RBI ने चेताया है कि वैश्विक व्यापार, टैरिफ और अंतरराष्ट्रीय आर्थिक अनिश्चितताएं महंगाई के भविष्य के अनुमान पर असर डाल सकती हैं। हालाँकि, घटती महंगाई निवेशकों और आम जनता दोनों के लिए सकारात्मक संकेत देती है और यह कर्ज की लागत को स्थिर रखने में मदद करेगी। खाद्य और ईंधन की कीमतों में स्थिरता से घरेलू मांग और निवेश पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। RBI का यह अनुमान यह दर्शाता है कि सरकार और केंद्रीय बैंक FY26 में आर्थिक विकास और मुद्रास्फीति के संतुलन को बनाए रखने के लिए सतर्क हैं।
RBI MPC 2025: GDP ग्रोथ और आर्थिक विकास के नए अनुमान:
RBI MPC 2025: GDP ग्रोथ और आर्थिक विकास के नए अनुमान: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने FY26 के लिए GDP ग्रोथ के नए अनुमान जारी किए हैं। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था हाल के महीनों में मजबूत बनी हुई है, जिससे FY26 के लिए सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर 6.5% से बढ़ाकर 6.8% कर दी गई है। MPC ने तिमाहीवार GDP ग्रोथ में भी कुछ बदलाव किए हैं। Q2FY26 (जुलाई-सितंबर) के लिए अनुमान 6.7% से बढ़ाकर 7% किया गया है, जबकि Q3FY26 (अक्टूबर-दिसंबर) 6.6% से घटकर 6.4% और Q4FY26 (जनवरी-मार्च) 6.3% से घटकर 6.2% कर दिया गया है। FY27 की पहली तिमाही के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान 6.6% से घटाकर 6.4% रखा गया है।
RBI के अनुसार, घरेलू खपत और निवेश की गति स्थिर बनी हुई है और यह आर्थिक विकास के लिए सकारात्मक संकेत है। मजबूत GDP ग्रोथ से रोजगार, निवेश और उपभोक्ता विश्वास बढ़ता है। स्थिर ब्याज दरें और घटती महंगाई दर्शाती हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था संतुलित रूप से आगे बढ़ रही है। यह अनुमान FY26 में आर्थिक स्थिरता और विकास को बनाए रखने के लिए निवेशकों और आम जनता दोनों के लिए भरोसेमंद संकेत देता है।
RBI MPC 2025: गवर्नर संजय मल्होत्रा के मुख्य संदेश :
RBI MPC 2025: गवर्नर संजय मल्होत्रा के मुख्य संदेश: RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने MPC बैठक के बाद बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत और स्थिर बनी हुई है। उन्होंने कहा कि महंगाई दर घटकर FY26 के लिए 2.6% और FY27 की पहली तिमाही के लिए 4.5% हो गई है। महंगाई में गिरावट से उपभोक्ताओं को रोजमर्रा की चीजों पर खर्च में राहत मिली है।
गवर्नर ने GDP ग्रोथ के बारे में कहा कि घरेलू मांग और निवेश मजबूत बने हुए हैं, जिससे FY26 के लिए GDP ग्रोथ 6.8% तक बढ़ा है। उन्होंने विदेशी मुद्रा भंडार और FDI आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि यह निवेशकों के लिए भरोसेमंद संकेत है।
संजय मल्होत्रा ने स्पष्ट किया कि RBI स्थिर ब्याज दरों और घटती महंगाई के बीच संतुलित नीति अपनाएगा। जरूरत पड़ने पर RBI बाजार में हस्तक्षेप करेगा और बैंकिंग और रेग्युलेटरी सुधारों के जरिए वित्तीय प्रणाली को मजबूत बनाए रखेगा। उनका यह संदेश निवेशकों और आम जनता दोनों के लिए संकेत देता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था संतुलित और स्थिर गति से आगे बढ़ रही है।
RBI MPC 2025: बैंकिंग और नियमों में नए बदलाव :
- RBI ने कहा कि Expected Credit Loss (ECL) फ्रेमवर्क 1 अप्रैल 2027 से लागू होगा।
- बैंकों और उनकी ग्रुप कंपनियों के ओवरलैप नियम में बदलाव किया गया। अब यह जिम्मेदारी बैंक बोर्ड पर होगी।
- NBFCs को राहत दी गई है। हाई-क्वालिटी इंफ्रा प्रोजेक्ट्स और NBFC लोन पर वेटेज कम कर दिया गया है।
- INR का अंतर्राष्ट्रीयकरण बढ़ाया गया। AD बैंक अब नेपाल, भूटान और श्रीलंका के NRI ग्राहकों को रुपयों में लोन दे सकेंगे।
- एक्सपोर्ट सेक्टर के लिए राहत: विदेशी मुद्रा खातों से राशि वापसी की समयसीमा 1 महीने से बढ़ाकर 3 महीने कर दी गई है।
- ये बदलाव बैंकिंग सेक्टर की संचालन क्षमता और लोन देने की क्षमता बढ़ाएंगे।
- RBI का उद्देश्य है कि वित्तीय प्रणाली मजबूत बनी रहे और निवेशकों के लिए भरोसेमंद माहौल तैयार हो।
RBI की नीतियों का स्टॉक मार्केट और निवेश पर असर :
RBI की मौद्रिक नीति और MPC के निर्णय का सीधा असर बाजार और निवेशकों पर पड़ता है। 1 अक्टूबर 2025 को हुई MPC बैठक में रेपो रेट 5.50%, SDF 5.25% और MSF 5.75% पर जस की तस रखी गई। इसका मतलब है कि कर्ज महंगा नहीं होगा और बाजार में अचानक अस्थिरता नहीं आएगी।
मौद्रिक नीति में ‘Neutral’ रुख और घटती महंगाई ने निवेशकों को राहत दी। FY26 के लिए महंगाई 2.6% और GDP ग्रोथ 6.8% रहने से अर्थव्यवस्था संतुलित रूप से बढ़ रही है। स्थिर दरों और घटती महंगाई के साथ, स्टॉक मार्केट में स्थिरता बनी और निवेशकों ने नए अवसरों में भरोसा दिखाया।
RBI के बैंकिंग और रेग्युलेटरी सुधारों ने भी वित्तीय प्रणाली को मजबूत बनाया है। कुल मिलाकर, MPC 2025 का निर्णय निवेशकों और आम जनता दोनों के लिए सकारात्मक संकेत देता है और भविष्य में सपोर्टिव कदमों की संभावना दिखाता है।
Disclaimer:
इस ब्लॉग में दी गई जानकारी केवल सामान्य जानकारी और शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। इसमें प्रस्तुत विश्लेषण और आंकड़े विभिन्न स्रोतों और RBI की आधिकारिक घोषणाओं पर आधारित हैं। यह किसी भी प्रकार की निवेश सलाह या वित्तीय निर्णय के लिए मार्गदर्शन नहीं है। निवेशक और पाठक अपनी व्यक्तिगत परिस्थितियों के अनुसार किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें।
RBI MPC 2025: संक्षिप्त विश्लेषण और भविष्य की दिशा :
1 अक्टूबर 2025 को हुई RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) बैठक में रेपो रेट और अन्य दरें जस की तस रखी गईं। रेपो रेट 5.50%, SDF 5.25% और MSF 5.75% पर बनी रही। MPC ने ‘Neutral’ रुख अपनाया, जिसका मतलब है कि RBI फिलहाल अर्थव्यवस्था में स्थिरता बनाए रखना चाहता है। FY26 के लिए महंगाई दर 2.6% और GDP ग्रोथ 6.8% रहने से यह संकेत मिलता है कि अर्थव्यवस्था संतुलित और मजबूत बनी हुई है।
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि घरेलू खपत और निवेश मजबूत हैं। बैंकिंग और रेग्युलेटरी सुधार, जैसे ECL फ्रेमवर्क, NBFC राहत और INR का अंतर्राष्ट्रीयकरण, भविष्य में वित्तीय स्थिरता को बढ़ाने में मदद करेंगे। MPC का यह ‘Dovish Pause’ रुख दर्शाता है कि RBI आगे भी सपोर्टिव कदम उठा सकता है। कुल मिलाकर, RBI MPC 2025 का निर्णय निवेशकों, उपभोक्ताओं और अर्थव्यवस्था के लिए संतुलित और भरोसेमंद वातावरण बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत है।
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