ITR Filing Extension 2025 की खबर टैक्सपेयर्स के लिए राहत भरी साबित हो रही है। राजस्थान हाई कोर्ट ने 2025-26 के आकलन वर्ष के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) और टैक्स ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ा दी है। अब CBDT को 30 सितंबर की जगह 31 अक्टूबर तक रिपोर्ट और रिटर्न स्वीकार करने का आदेश मिला है।
इस फैसले से उन लाखों टैक्सपेयर्स और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को फायदा मिलेगा, जो समय पर रिटर्न फाइल करने में मुश्किल का सामना कर रहे थे। हालांकि यह आदेश फिलहाल सिर्फ राजस्थान में लागू होगा, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह पूरे देश के लिए भी एक्सटेंशन का रास्ता खोल सकता है।
फैसले के पीछे भीलवाड़ा टैक्स बार एसोसिएशन की रिट याचिका और ICAI, वाणिज्य मंडलों और अन्य कर पेशेवर संगठनों की मांगें शामिल हैं। टैक्स पेशेवरों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी अभियान चलाया और सरकार पर दबाव डाला। तकनीकी दिक्कतें और समय की कमी के कारण कई करदाताओं के लिए समय पर रिटर्न फाइल करना मुश्किल हो रहा था।
इस नई तारीख से न केवल कर पेशेवरों को रिपोर्ट तैयार करने में आसानी होगी, बल्कि करदाताओं को जुर्माने से बचने का मौका भी मिलेगा। यह कदम टैक्स फाइलिंग और अनुपालन को सरल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। ऐसे में ITR Filing Extension 2025 करदाताओं और पेशेवरों दोनों के लिए राहत भरा फैसला साबित होगा।
ITR Filing Extension 2025: राजस्थान हाई कोर्ट ने बढ़ाई अंतिम तारीख :
ITR Filing Extension 2025 की खबर टैक्सपेयर्स के लिए राहत भरी है। राजस्थान हाई कोर्ट ने 2025-26 के आकलन वर्ष के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) और टैक्स ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की अंतिम तारीख बढ़ा दी है। अब CBDT को 30 सितंबर की जगह 31 अक्टूबर तक रिपोर्ट और रिटर्न स्वीकार करने का निर्देश मिला है।
इस फैसले से उन लाखों करदाताओं और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को फायदा मिलेगा, जो समय पर रिटर्न और ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने में परेशानी का सामना कर रहे थे।
फैसले के पीछे भीलवाड़ा टैक्स बार एसोसिएशन की याचिका और ICAI, वाणिज्य मंडल और अन्य पेशेवर संगठनों की मांगें थीं। टैक्स पेशेवरों ने सोशल मीडिया पर भी सरकार पर दबाव डालकर एक्सटेंशन की जरूरत को बताया। तकनीकी दिक्कतें और समय की कमी के कारण कई लोग समय पर रिटर्न फाइल नहीं कर पा रहे थे।
इस नई तारीख से पेशेवरों को रिपोर्ट तैयार करने में आसानी होगी और करदाताओं को जुर्माने से बचने का मौका मिलेगा। ITR Filing Extension 2025 करदाताओं और पेशेवरों दोनों के लिए राहत भरा और जरूरी कदम साबित हो रहा है।
ITR और Tax Audit में राहत: करदाताओं के लिए खुशखबरी :
राजस्थान हाई कोर्ट ने ITR और Tax Audit की अंतिम तारीख बढ़ा दी है, जो करदाताओं और पेशेवरों के लिए बड़ी राहत है। इस फैसले से सबसे ज्यादा फायदा उन करदाताओं और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को होगा, जो समय पर रिटर्न और ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने में मुश्किल का सामना कर रहे थे। छोटे और मध्यम व्यवसाय, पेशेवर और ऐसे करदाता जो तकनीकी या दस्तावेज़ी कारणों से रिपोर्ट समय पर नहीं भेज पाए, वे इस एक्सटेंशन से लाभान्वित होंगे।
नई तारीख से जुर्माने और पेनाल्टी से बचना भी आसान हो गया है। पहले यदि ऑडिट रिपोर्ट समय पर दाखिल नहीं होती थी, तो आयकर अधिनियम की धारा 271B के तहत कुल कारोबार या प्राप्तियों का 0.5% जुर्माना लगाया जा सकता था, अधिकतम 1,50,000 रुपये तक। अब करदाता पर्याप्त समय लेकर रिपोर्ट दाखिल कर सकते हैं और किसी पेनाल्टी से बच सकते हैं।
इस फैसले से करदाताओं और पेशेवरों दोनों को रिपोर्ट तैयार करने और समय पर फाइल करने में आसानी होगी। ITR और Tax Audit में यह राहत उन्हें सुरक्षा और आत्मविश्वास देती है, ताकि वे बिना तनाव के अपने टैक्स अनुपालन को पूरा कर सकें।
Tax Audit की अंतिम तारीख बढ़ी: 2025 में क्या बदल गया :
Tax Audit की अंतिम तारीख बढ़ने की खबर करदाताओं और पेशेवरों के लिए राहत भरी है। 2025-26 के आकलन वर्ष के लिए अब CBDT ने टैक्स ऑडिट रिपोर्ट और ITR दाखिल करने की तारीख 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 अक्टूबर कर दी है। इससे करदाताओं और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को पर्याप्त समय मिलेगा।
ऑडिट दायरे में मुख्य रूप से वे व्यवसाय और पेशेवर आते हैं जिनकी आय या कारोबार निर्धारित सीमा से अधिक होती है। व्यापारियों के लिए यह सीमा 1 करोड़ रुपये है, जबकि नकद लेन-देन कुल लेन-देन का 5% से कम होने पर सीमा 10 करोड़ रुपये तक बढ़ सकती है। पेशेवरों के लिए यह नियम तब लागू होता है जब वार्षिक आय 50 लाख रुपये से अधिक हो। कुछ मामलों में सीमाएँ पूरी न होने पर भी ऑडिट की आवश्यकता हो सकती है।
इस नई तारीख और सीमाओं के कारण करदाताओं और पेशेवरों को रिपोर्ट तैयार करने में आसानी होगी। समय पर दाखिल करने से जुर्माने से भी बचा जा सकेगा। Tax Audit की यह नई डेडलाइन अनुपालन प्रक्रिया को आसान और करदाताओं के लिए सुविधाजनक बना रही है।
ITR और Tax Audit में ICAI और अन्य संगठनों का योगदान :
ITR और Tax Audit की अंतिम तारीख बढ़ाने में ICAI और अन्य पेशेवर संगठनों की भूमिका बहुत अहम रही है। इस फैसले के पीछे भीलवाड़ा टैक्स बार एसोसिएशन की याचिका मुख्य कारण बनी, जिसमें अदालत से समय बढ़ाने की मांग की गई थी।
इसके अलावा, ICAI ने वित्त मंत्रालय से औपचारिक रूप से एक्सटेंशन की अपील की और कहा कि गैर-ऑडिट रिटर्न और टैक्स ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने के बीच पर्याप्त समय होना जरूरी है। वाणिज्य मंडलों और अन्य पेशेवर संगठनों ने भी सरकार से समर्थन मांगा। उन्होंने बताया कि समय की कमी और तकनीकी दिक्कतों के कारण रिपोर्ट समय पर दाखिल करना मुश्किल हो रहा है।
ICAI और अन्य संगठनों ने सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर दबाव भी बनाया। इस सक्रिय पहल के कारण राजस्थान हाई कोर्ट ने ITR और Tax Audit की अंतिम तारीख बढ़ाने का निर्णय लिया। इसका फायदा सीधे करदाताओं और पेशेवरों को हुआ, जिन्हें अब रिपोर्ट तैयार करने और समय पर फाइल करने में पर्याप्त समय मिला।
CBDT की भूमिका और देशभर में ITR/Tax Audit पर असर :
राजस्थान हाई कोर्ट ने ITR और Tax Audit की अंतिम तारीख बढ़ाने का फैसला किया है। फिलहाल यह आदेश केवल राजस्थान में लागू होगा। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि CBDT को पूरे भारत के लिए भी समय बढ़ाने की जरूरत पड़ सकती है। CBDT इस मामले में अहम भूमिका निभाता है क्योंकि यही राष्ट्रीय स्तर पर टैक्स रिटर्न और ऑडिट रिपोर्ट की समय सीमा तय करता है।
यदि CBDT पूरे देश के लिए एक्सटेंशन देता है, तो लाखों टैक्सपेयर्स और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को राहत मिलेगी। इससे समय पर रिपोर्ट दाखिल करना आसान होगा और तकनीकी या दस्तावेज़ी समस्याओं में आने वाली परेशानियाँ भी कम होंगी। साथ ही, जुर्माने और पेनाल्टी से बचने में भी मदद मिलेगी।
इस तरह राजस्थान हाई कोर्ट का यह आदेश केवल एक राज्य तक सीमित नहीं रहेगा। कर पेशेवर और करदाता इसे टैक्स फाइलिंग प्रक्रिया में बड़ा बदलाव और राहत भरा कदम मान रहे हैं।
ITR और Tax Audit में पिछली बार की तारीख बढ़ाने का विवरण :
ITR और Tax Audit की डेडलाइन पहले भी बढ़ाई जा चुकी है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए मूल डेडलाइन 31 जुलाई 2025 थी। लेकिन कई करदाताओं और पेशेवरों के लिए समय पर रिटर्न और ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करना मुश्किल हो गया।
मुख्य कारण तकनीकी दिक्कतें और ई-फाइलिंग पोर्टल की स्लोडाउन थी। जुलाई के आखिरी हफ्ते में पोर्टल बार-बार धीमा और अस्थिर हो गया, जिससे लाखों लोग समय पर रिटर्न फाइल नहीं कर पाए। कई पेशेवरों और करदाताओं ने इस समस्या को सरकार और अधिकारियों के सामने रखा।
इस वजह से डेडलाइन बढ़ाने का निर्णय लिया गया। पहले इसे 15 सितंबर 2025 तक बढ़ाया गया और फिर अंतिम मौके पर 16 सितंबर 2025 तक बढ़ाया गया। इस एक्सटेंशन से करदाताओं और पेशेवरों को पर्याप्त समय मिला और वे तकनीकी और दस्तावेज़ी तैयारियों के साथ समय पर रिपोर्ट दाखिल कर सके।
पिछली बार डेडलाइन बढ़ाने का यह अनुभव दिखाता है कि तकनीकी दिक्कतें और समय की कमी करदाताओं के लिए चुनौती बन सकती हैं। इसलिए, एक्सटेंशन उन्हें राहत और समय पर अनुपालन करने का मौका देता है।
Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी और शैक्षिक उद्देश्यों के लिए प्रस्तुत किया गया है। इसमें दी गई जानकारी व्यक्तिगत परिस्थितियों या पेशेवर सलाह का विकल्प नहीं है। ITR फाइलिंग, टैक्स ऑडिट और अन्य वित्तीय निर्णयों के लिए हमेशा योग्य चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) या टैक्स विशेषज्ञ से सलाह लें। लेखक, वेबसाइट या प्लेटफ़ॉर्म इस जानकारी के उपयोग से उत्पन्न किसी भी नुकसान या दावे के लिए जिम्मेदार नहीं है।
ITR Filing Extension 2025: अंतिम फैसला और जरूरी जानकारी :
राजस्थान हाई कोर्ट ने ITR और Tax Audit की अंतिम तारीख बढ़ा दी है, जो करदाताओं और पेशेवरों के लिए बड़ी राहत है। 2025-26 के आकलन वर्ष के लिए अब CBDT 30 सितंबर की बजाय 31 अक्टूबर तक इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) और ऑडिट रिपोर्ट स्वीकार करेगा। यह एक्सटेंशन करदाताओं को समय पर रिटर्न फाइल करने और दस्तावेज़ तैयार करने का अवसर देता है।
करदाताओं के लिए यह जरूरी है कि वे अपने वित्तीय रिकॉर्ड, बैंक स्टेटमेंट, निवेश प्रमाणपत्र और व्यय के विवरण पहले से व्यवस्थित कर लें। सभी दस्तावेज़ सही और पूरी तरह तैयार होने से ITR फाइल करना आसान होता है और गलती की संभावना कम होती है।
प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए कुछ टिप्स मददगार साबित हो सकते हैं। ई-फाइलिंग पोर्टल का समय पर उपयोग करें, किसी भी शंका के लिए टैक्स प्रोफेशनल्स या चार्टर्ड अकाउंटेंट की मदद लें और ऑडिट रिपोर्ट समय पर तैयार करवा लें। इससे न केवल समय की बचत होगी बल्कि जुर्माने और पेनाल्टी से भी बचा जा सकेगा।
इस एक्सटेंशन के साथ करदाताओं और पेशेवरों दोनों को पर्याप्त समय मिला है, जिससे वे अपने टैक्स अनुपालन को बिना तनाव के पूरा कर सकते हैं। ITR Filing Extension 2025 उनके लिए राहत और सुविधा का बड़ा कदम साबित हो रहा है।
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