Rajkummar Rao ने कोर्ट में किया सरेंडर – जानें पूरा मामला और विवाद की वजह

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Bollywood actor Rajkummar Rao leaving Jalandhar court after surrendering in 2017 Behen Hogi Teri case related to religious sentiments controversy

Rajkummar Rao, जिनका नाम बॉलीवुड में ईमानदारी, संजीदगी और वास्तविक अभिनय के लिए जाना जाता है, आज एक ऐसे मोड़ पर खड़े हैं जहां उनकी छवि पर विवादों की परछाई पड़ रही है। हमेशा शांत और सादा जीवन जीने वाले इस कलाकार का नाम इन दिनों एक पुराने कानूनी विवाद के चलते सुर्खियों में है।

फिल्म बहन होगी तेरी से जुड़े एक पोस्टर को लेकर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप उन पर लगाया गया, जिससे उनका करियर और प्रतिष्ठा दोनों सवालों के घेरे में आ गए हैं।

विवाद की शुरुआत 2017 में हुई जब फिल्म के प्रमोशन के दौरान एक पोस्टर सामने आया जिसमें राजकुमार राव भगवान शिव के रूप में बाइक पर बैठे दिखे।

उनके गेटअप, चप्पल पहनने और उदासी भरे चेहरे को लेकर कुछ धार्मिक संगठनों ने आपत्ति जताई और इसे धार्मिक भावनाओं के खिलाफ माना। इसके परिणामस्वरूप उनके खिलाफ धारा 295A, 120B और IT Act की धारा 67 के तहत केस दर्ज किया गया।

हाल ही में इस मामले की सुनवाई जालंधर की अदालत में हुई, जहां राजकुमार राव को पेश होना था। समन में पते को लेकर हुई गड़बड़ी के चलते वे नियत तारीख पर उपस्थित नहीं हो सके, लेकिन बाद में उन्होंने 1 अगस्त 2025 को अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। कोर्ट ने उन्हें अंतरिम ज़मानत दे दी, लेकिन मामला अभी भी विचाराधीन है।

राजकुमार राव की ओर से साफ कहा गया कि यह सिर्फ एक कलाकार की प्रस्तुति थी और फिल्म को सेंसर बोर्ड से पहले ही मंजूरी मिल चुकी थी। उनके वकील ने तर्क दिया कि किसी भी प्रकार की धार्मिक भावना को आहत करने का कोई इरादा नहीं था। यह केवल एक जागरण सीन था जिसमें उनका किरदार भगवान शिव की भूमिका निभा रहा था, जो भारतीय सिनेमा और कला का आम हिस्सा है।

इस घटनाक्रम के बाद सोशल मीडिया पर राजकुमार राव के समर्थन में और उनके खिलाफ दोनों तरह की प्रतिक्रियाएं आईं। जहां एक तरफ ट्रोल्स ने उन्हें निशाना बनाया, वहीं दूसरी ओर उनके प्रशंसकों ने #WeStandWithRajkummar जैसे हैशटैग चलाकर समर्थन जताया। बॉलीवुड इंडस्ट्री में भी इस विषय पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। कुछ लोग चुप रहे, जबकि कुछ ने निजी तौर पर उन्हें सपोर्ट किया।

राजकुमार राव की अब तक की छवि एक अनुशासित, जमीन से जुड़े और सामाजिक मुद्दों पर काम करने वाले अभिनेता की रही है। उन्होंने शाहिद, न्यूटन, त्रप्ति डिम्बल, स्त्री जैसी फिल्मों में अपने किरदारों से दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई है। ऐसे में यह विवाद उनकी सार्वजनिक छवि के लिए एक चुनौतीपूर्ण मोड़ बन सकता है, खासकर तब जब उनकी आगामी फिल्में और ब्रांड एंडोर्समेंट लाइन में लगी हैं।

हालांकि, यह कहना जल्दबाज़ी होगा कि इस विवाद का उनके करियर पर क्या असर पड़ेगा। भारतीय दर्शकों की स्मृति अक्सर छोटी होती है और कलाकार की अगली हिट फिल्म पुरानी बातों को भुला देती है। अगर राजकुमार राव इस मामले को कानूनी रूप से सुलझा लेते हैं और अपनी भावनाओं को स्पष्ट कर पाते हैं, तो वे अपनी पुरानी प्रतिष्ठा को फिर से कायम कर सकते हैं।

वर्तमान समय में जब सोशल मीडिया और धार्मिक संवेदनशीलता दोनों चरम पर हैं, ऐसे में कलाकारों को विशेष सावधानी बरतनी पड़ती है। राजकुमार राव जैसे समझदार कलाकार से यही उम्मीद की जाती है कि वे इस मामले को धैर्य और गरिमा के साथ संभालेंगे।

QNA?

Q1. यह मामला कब का है?

Ans.2017 में फिल्म बहन होगी तेरी के पोस्टर को लेकर यह मामला दर्ज हुआ था।

Q2. राजकुमार राव को जमानत कब मिली?

Ans.उन्होंने 1 अगस्त 2025 को जालंधर कोर्ट में सरेंडर किया और शर्तों के साथ ज़मानत मिली।

Q3. क्या श्रुति हासन भी आरोपी थीं?

Ans.जी हां, लेकिन कोर्ट ने उन्हें पहले ही बरी कर दिया है।

Q4. क्या यह पोस्टर जानबूझकर बनाया गया था?

Ans.राजकुमार राव के वकील का कहना है कि यह सिर्फ एक कलाकार की प्रस्तुति थी, जिसका मकसद किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था।

 

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